पीएम मोदी को पत्र भेजकर कांग्रेस के गढ़ में बाबरी मस्जिद बनवाना चाहते है मुनव्वर राना

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महेंद्र प्रताप सिंह

रायबरेली सुप्रीम फैसला आने के बाद रामलला की जन्मस्थली पर पीएम मोदी ने राममंदिर बनाने के लिए शिलान्यास कर दिया और मस्जिद बनाने के लिए भी जमीन दूसरी जगह दे दी है, मगर अब कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में बाबरी मस्जिद बनाने के लिए पीएम मोदी से अपील की गई है।

इतना ही नही पत्र में यह भी लिखा गया है कि अयोध्या में प्रस्तावित मस्जिद को रायबरेली में बनवाकर अयोध्या की जमीन पर राजा दशरथ के नाम का अस्पताल बना दिया जाए।

प्रधानमंत्री को सम्बोधित पत्र पेज एक

शायर मुनव्वर राणा ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

अयोध्या में मस्जिद निर्माण के मामले में कुछ दिन पूर्व तक केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट पर भड़के शायर मुनव्वर राना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए अपील की है कि रायबरेली में सई नदी के किनारे उनके बेटे के नाम मौजूद साढ़े 5 बीघा जमीन पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवा दिया जाये और अयोध्या के रौनाही में मिली सुन्नी वक्फ बोर्ड की जमीन पर मस्जिद की जगह भगवान राम के पिता ‘राजा दशरथ’ के नाम पर एक अस्पताल भी बना दिया जाए।

प्रधानमंत्री को सम्बोधित पत्र पेज दो

मुनव्वर ने पत्र में लिखा है कि मेरा सुझाव है कि उस अस्पताल का नाम भगवान राम के पिता राजा दशरथ के नाम पर किया जाए। उन्होंने कहा कि वैसे भी सरकार द्वारा दी गई या जबर्दस्ती हासिल की गई जमीनों पर मस्जिदों का निर्माण नहीं होता है

(फ़ाइल फोटो) प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुनव्वर राना

सई नदी के तट पर स्थित है मेरी जमीन

मुनव्वर राना ने पत्र में रायबरेली की तारीफ और इसके इतिहास के साथ यहां की मिट्टी का साहित्यिक जुड़ाव बताते हुए लिखा है कि यहां पर विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त मौलाना अली मिया की मजार है। उनके पूर्वजों से लेकर उनके परिवार के मौजूद लोगों तक आलमगीर मस्जिद की देख रेख करते हैं। इसलिए मैं चाहता हूं कि मेरे पास रायबरेली में जो साढे 5 बीघा जमीन है वह सई नदी के किनारे है वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया जाए। वहां पर ऐसी शानदार इमारत बनाई जाए कि जो लोग इस तरफ से गुजरे वह अलमगीर मस्जिद और बाबरी मस्जिद का दीदार करने के साथ अली मिया की मजार पर भी फातिहा पढ़ सकें।

न्यूज़ चैनलो पर कोर्ट के फैसले पर दिया था विवादित बया

कुछ दिन पहले एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान उन्होंने विवादित बयान दिया था जिसमे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पक्षपात पूर्ण बताते हुए आरोप लगाया था कि फैसले से सुप्रीम कोर्ट शर्म से 6 इंच नीचे धंस गया होगा। उन्होंने रंजन गोगोई को फैसले देने के बदले में राज्यसभा भेजने को लेकर भी सत्तारूढ़ दल पर प्रत्यक्ष आरोप लगाए थे। अब ऐसे में धार्मिक व राजनीति से लेकर साहित्य तक के क्षेत्र के लोगो में सरकार का रुख देखने को लेकर कौतूहल बना हुआ है।

Mahendra

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