लिखित बयान के बाद प्रत्यक्षदर्शी युवक से कोरे कागज पर अधीक्षक ने कराया हस्ताक्षर

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महराजगंज, रायबरेली। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज में प्रसूता के फर्श पर दर्द से तड़पते व तीमारदारों से चिकित्सक की हुई नोंक झोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डिप्टी सीएम व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने भी संज्ञान लेकर जांच कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए थे।

वही बुधवार को प्रत्यक्षदर्शी युवक लिखित बयान के बाद अधीक्षक ने धोखे से एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर करा मामले को रफा दफा करने में जुट गए है।

डिप्टी सीएम के निर्देश पर सीएमओ वीरेंद्र सिंह ने मंगलवार की शाम डॉ अरविन्द कुमार व डॉ अनिल पांडेय स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी की टीम गठित कर जांच के निर्देश दिए। सभी के बयान हो गए थे प्रत्यक्षदर्शी व डॉक्टर के बयान बाकी थे।

बुधवार को घटना के दिन मां का इलाज कराने आए प्रत्यक्षदर्शी नरई गांव निवासी कुश सिंह ने लिखित बयान अधीक्षक डॉ राधाकृष्णा को देते हुए बताया था कि मेरी मां का इलाज अनुभव हीन लोगों द्वारा किया गया और बार बार डा को बुलाने की बात पर कर्मियों ने डॉ के मीटिंग में होने का बहाना बनाया। एक घंटे बाद पहुंचे डा पियूष ने मरीज को बिना देखे ही रेफर कर दिया। बिना देखे रेफर करने की बात पूछने पर डा पियूष ने भी अभद्रता की। बाद में डा फैजान ने मेरी मां का इलाज किया।

इस दौरान एक प्रसूता को फर्श पर तड़पते देख कर परिजनों से जानकारी की तो उन्होंने प्रसव में विलंब होने की बात कहकर चिकित्सकों द्वारा वापस करने की बात बताई। एक घंटे बाद परिजन प्रसूता को लेकर चले गए।वही गुरुवार को प्रत्यक्ष दर्शी युवक कुश सिंह ने बताया की उसके लिखित बयान देने के बाद वह घर चला गया घर पहुंचते ही फिर से अधीक्षक राधा कृष्णन का फोन आया।

और उन्होंने प्रत्यक्षदर्शी युवक से कहा की तुम्हारा बयान सीएमओ ऑफिस में होगा तुम अस्पताल आ जाओ,युवक अस्पताल आ गया अस्पताल पहुंचते ही हमको एक अस्पताल में काम करने वाले एक युवक की कार से सीएमओ ऑफिस ले जाया गया जहां पहले से मौजूद अधीक्षक राधा कृष्णन,डॉक्टर फैजान,डॉक्टर पीयूष सहित कई लोग मौजूद थे और हमसे एक कोरे कागज पर हस्ताक्षर करा लिया गया।

अब सोचने वाली बात यह है की प्रत्याक्षदर्शी युवक से सीएचसी महराजगंज में लिए गए बयान डॉक्टर पीयूष के विपरीत थे। अपने को फसता देख अधीक्षक राधा कृष्णन ने युवक को दोबारा बुला कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवा मामले को रफा दफा करने में लगे हुए है।

  • अशोक यादव एडवोकेट
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