UK PM RISHI SUNAK: ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के अगले PM

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UK PM RISHI SUNAK: ऋषि सुनक ईसाई बाहुल्य ब्रिटेन के पहले हिंदू पीएम हैं। वे ब्रिटेन के पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री हैं। कंजर्वेटिव पार्टी के कई चर्चित सांसदों ने जॉनसन के खेमे को छोड़ते हुए सुनक का समर्थन किया था।

UK PM RISHI SUNAK: भारतवंशी ऋषि सुनक ने ब्रिटेन का पीएम प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया। वे भारतीय मूल के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो ब्रिटेन के पीएम पद तक पहुंचे हैं। यही नहीं, ऋषि सुनक ईसाई बाहुल्य ब्रिटेन के पहले हिंदू पीएम हैं। वे ब्रिटेन के पहले गैर-श्वेत प्रधानमंत्री भी हैं।

दरअसल पेनी मॉर्डंट ने ब्रिटिश पीएम की रेस से अपना नाम वापस ले लिया, जिससे सुनक का रास्ता साफ हो गया। कंजर्वेटिव पार्टी के कई चर्चित सांसदों ने जॉनसन के खेमे को छोड़ते हुए सुनक का समर्थन किया था। इनमें पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल, कैबिनेट मंत्री जेम्स क्लेवर्ली और नदीम जहावी शामिल हैं।

UK PM RISHI SUNAK: प्रीति पटेल खुद भारतीय मूल की पूर्व ब्रिटिश मंत्री हैं जिन्होंने पिछले महीने लिज ट्रस के पीएम चुने जाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि कंजर्वेटिव पार्टी को सुनक को नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए।

UK PM RISHI SUNAK: पटेल ने सुनक को तब समर्थन दिया जब पार्टी के आधे से अधिक सांसदों ने पहले ही सार्वजनिक रूप से सुनक की उम्मीदवार को अपना समर्थन दे दिया था। दरअसल पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार रात को यह कहते हुए प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया था कि वापसी के लिए ‘‘यह सही समय नहीं है।’’ इससे 42 वर्षीय सुनक के लिए दिवाली पर जीत की संभावना और बढ़ गई।

प्रधानमंत्री पद की दौड़ में एकमात्र प्रतिस्पर्धी ब्रिटिश संसद के निचले सदन ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ की नेता पेनी मोर्डंट थीं।

UK PM RISHI SUNAK: पूर्व चांसलर सुनक ने अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए कहा था कि वह ‘‘देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने, पार्टी को एकजुट करने और देश के लिए काम करना चाहते हैं।’’ उन्होंने पद की दावेदारी के लिए 100 से अधिक सांसदों का समर्थन हासिल कर लिया था। और वो रेस में अकेले उम्मीदवार बचे थे। जिसके बाद ये घोषणा की गई कि ऋषि सुनक ब्रिटेन के अगले पीएम होंगे।

UK PM RISHI SUNAK: सुनक की जीत बड़ी राजनीतिक उलटफेर है, क्योंकि पिछले महीने ही उन्हें पार्टी नेतृत्व को लेकर हुए चुनाव में लिज ट्रस से हार का सामना करना पड़ा था। सुनक की साथियों के बीच लोकप्रियता पार्टी सदस्यों के मतदान में प्रतिबिंबित नहीं हुई थी। ट्रस ने पार्टी में अपने नेतृत्व के खिलाफ खुले विद्रोह के बाद सिर्फ 45 दिनों के बाद बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी थी।

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