भैंसा पाण्डेय में सार्वजनिक नाली का मामला: हरीराम की कुर्बानी के बाद भी नहीं निकला जल निकासी का समाधान, बजबजाती गंदगी में जीने को विवश लोग

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भैंसा पाण्डेय का मामला: नहीं निकला जल निकासी का समाधान, गंदगी में जीने को मज़बूर लोग

भैंसा पाण्डेय, मुण्डेरवां, बस्ती। मुण्डेरवा थाना क्षेत्र के भैंसा पाण्डेय निवासी जर्नादन पाण्डेय ने जिलाधिकारी को पत्र देकर दबंगों द्वारा अवरुद्ध किए गए सार्वजनिक नाली को खुलवाने का आग्रह किया है।

जल निकासी की समस्या को लेकर संघर्ष कर रहे जर्नादन पाण्डेय ने कहाकि भैंसा पाण्डेय गांव में ग्राम पंचायत के खर्चे से सार्वजनिक नाली का निर्माण कराया गया था। इस नाली से कई लोगों के घरों का पानी निकलता है, जो गांव के बाहर ग्राम समाज के गड्ढे में जाकर गिरता है।

नाली निर्माण में समस्या

लेकिन गांव के ही प्रदीप पाण्डेय, विश्वनाथ पाण्डेय, राधेश्याम, रामदत्त आदि ने नाली के बने हुए चैम्बर में ईंट और मिट्टी डालकर बंद कर दिया है। ऐसे में घरों का पानी नाली से फैलकर वहीं कीचड़ बनकर बदबू दे रहा है।

इतना ही नहीं ये गंदा पानी लोगों के आंगन में इकट्ठा हो रहा है। नाली के सड़े बदबूदार पानी से आसपास के घरों में बीमारी फैल रही है।

नाली खुलवाने के लिए हरीराम ने ली अंतिम सांस – जनार्दन

जर्नादन का कहना है कि उनके पिता हरीराम पाण्डेय नाली की समस्या को लेकर कई अधिकारियों से लिखित में गुहार लगाई थी। और लगातार इस विषय को लेकर संघर्ष कर रहे थे, लेकिन दबंगों के प्रभाव में स्थानीय प्रशासन नाली को खुलवाने में असमर्थ रहा।

जनार्दन ने बताया कि नाली की ही चिन्ता में उनके पिता हरीराम का निधन भी हो गया। वो कहते हैं कि इसके बावजूद समस्या जब की तस बनी हुई है।

जनार्दन ने डीएम समेत कई अधिकारियों को मांग पत्र भेजकर जनहित में अवरुद्ध किए गए सार्वजनिक नाली को खोलवाने की मांग की है।

जिससे लोगों के घरों का गंदा पानी ग्राम समाज के गड्ढे तक जा सके। और लोगों को गंदगी की समस्या से निजात मिल सके।

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