Bihar Caste Census: बिहार में जातीय गणना के आँकड़े से गरमा गई राजनीति  

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  • जातीय गणना के आंकड़े जारी करने वाला बिहार पहला राज्य

  • 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा वर्ग, ओबीसी 27 प्रतिशत

  • बिहार में यादव 14 प्रतिशत, ब्राह्मण-ठाकुर 3-3 फीसदी

  • राज्य में सबसे कम कायस्थ समाज के लोग है 0.60%

  • बिहार में 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान 

  • 13 करोड़ 7 लाख से ज्यादा है बिहार की आबादी

  • हिंदुओं की आबादी प्रदेश में घटी, मुस्लिमों की बढ़ी

Bihar Caste Census: केंद्र की मोदी सरकार के महिला आरक्षण एक्ट बनने के बाद बिहार सरकार ने जातीय गणना के आंकड़े जारी कर देश की राजनीति गरमा दी है। आँकड़े जारी के साथ ही बिहार जातीय गणना के आंकड़े जारी करने वाला देश का पहला सूबा बन गया है। 

बिहार की जातीय गणना के मुताबिक राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (extremely backward classes,EBCs) 36%, अन्य पिछड़ा वर्ग (other backward classes OBCs) 27% हैं। 

जारी आंकड़ों के मुताबिक राज्य में सबसे ज्यादा 14.26% यादव जाति के लोग हैं। ब्राह्मण प्रदेश की आबादी में 3.65 प्रतिशत हैं। राज्य में क्षत्रिय यानी राजपूत (ठाकुर) 3.45% हैं। सबसे कम संख्या 0.60% कायस्थ हैं। बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय गणना पर एक किताब जारी कर इन आँकड़ों को सार्वजनिक किया है। 

उधर सीएम नीतीश ने जातीय गणना रिपोर्ट की डिटेल साझा करने के लिए 3 अक्टूबर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने राज्य की 9 पार्टियों से इस बैठक में हिस्सा लेने का आग्रह किया है। 

बिहार सरकार के प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने जातीय गणना को लेकर बताया कि प्रदेश की जनसंख्या 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 है। इसमें 2 करोड़ 83 लाख 44 हजार 160 परिवार हैं। राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग (extremely backward classes,EBCs) 36%, अन्य पिछड़ा वर्ग (other backward classes OBCs) 27% हैं। साथ ही अनुसूचित जाति 19.65%, अनुसूचित जनजाति 1.68% और सामान्य वर्ग 15.52% है। 

बिहार की जातीय गणना के अनुसार बिहार की आबादी में करीब 82 फीसदी हिंदू और 17.7 फीसदी मुसलमान हैं। बिहार में 2011 से 2022 के बीच हिंदुओं की आबादी घटी है। 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदू आबादी 82.7% और मुस्लिम आबादी 16.9% थी।

बिहार की आबादी में सबसे ज्यादा अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36% है। उन्हें नौकरी में मौजूदा आरक्षण 18% दिया जा रहा है। 27% ओबीसी के लिए 12% आरक्षण दिया जा रहा है। मौजूदा समय में बिहार में ईबीसी और ओबीसी को मिलाकर 30% के रिजर्वेशन का प्रावधान है। इसमें 18% ईबीसी को और 12% ओबीसी को आरक्षण मिल रहा है। जबकि जाति आधारित गणना के मुताबिक इनकी संख्या बढ़कर 63% हो गई है।

अपर मुख्य सचिव विवेक सिंह ने कहा बिहार राज्य में हुई गणना के अनुसार प्रदेश की जनसंख्या में बिहार के बाहर में रहने वालों की संख्या 53 लाख 72 हजार 22 है। बिहार राज्य में रहने वालों की कुल जनसंख्या 12 करोड़ 53 लाख 53 हजार 288 है।

इसमें पुरुषों की कुल संख्या 6 करोड़ 41 लाख 31 हजार 990 है, जबकि महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख 38 हजार 460 है। अन्य की संख्या 82 हजार 836 पाई गई है। गणना के अनुसार 1000 पुरुषों पर 953 महिलाएं हैं।

बिहार में साल 2011-2022 के बीच हिंदूओं जनसंख्या कम हुई है। इस दौरान मुस्लिम जनसंख्या बढ़ी है। जारी किए गए जातीय गणना की रिपोर्ट के साथ राज्य में धार्मिक जनसंख्या भी सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अभी हिंदू आबादी करीब 82% (81.99) और मुस्लिम आबादी 17.7% है। जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार हिंदू आबादी 82.7% और मुस्लिम आबादी 16.9% थी।

अभी बिहार में हिंदुओं की जनसंख्या 10 करोड़ 71 लाख 92 हजार 958 है। वहीं मुस्लिम जनसंख्या 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है। 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में हिंदू आबादी 8 करोड़ 60 लाख 78 हजार 686 थी। वहीं मुस्लिम आबादी 1 करोड़ 75 लाख 57 हजार 809 थी।

नीतीश सरकार के जातीय गणना के रिलीज़ होते ही देश की राजनीति गरमा गई है। काँग्रेस नेता राहुल गाँधी से लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव और बीजेपी दिग्गज़ गिरिराज सिंह ने भी तगड़ी प्रतिक्रिया दी है।

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