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INTERPOL MAHASABHA: राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकने में इंटरपोल की भूमिका नहीं

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INTERPOL MAHASABHA: राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकने में इंटरपोल की भूमिका नहीं

INTERPOL MAHASABHA: इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक ने कहाकि राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकने में इंटरपोल की कोई भूमिका नहीं। इसका ध्यान साइबर अपराधियों, मादक पदार्थ के सौदागरों और बाल शोषण करने वालों पर अंकुश लगाने पर रहता है।

INTERPOL MAHASABHA: बता दें कि इंटरपोल महासभा का आयोजन 18 से 21 अक्तूबर तक नई दिल्ली में हो रहा है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि बैठक में इंटरपोल के 195 सदस्य देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। इनमें मंत्री, देशों के पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में 90वीं इंटरपोल महासभा को संबोधित करेंगे।

INTERPOL MAHASABHA: इंटरपोल महासभा में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने भी रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें दो सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व संघीय जांच एजेंसी के महानिदेशक स्तर के अधिकारी करेंगे।

इंटरपोल के महासचिव जर्गेन स्टॉक ने सोमवार को कहाकि राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकने में इंटरपोल की कोई भूमिका नहीं है। इसका ध्यान साइबर अपराधियों, मादक पदार्थ के सौदागरों और बाल शोषण करने वालों पर अंकुश लगाने पर रहता है।

INTERPOL MAHASABHA: जर्गेन स्टॉक ने कहाकि इंटरपोल साधारण कानूनी अपराध पर केंद्रित है जो कि दुनिया भर में होने वाले अपराध का बहुसंख्य हिस्सा है। स्टॉक मंगलवार से शुरू हो रही इंटरपोल महासभा की 4 दिवसीय बैठक के सिलसिले में मीडिया कर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहाकि आने वाले चार दिनों में वैश्विक अपराध और उससे साझा तरीके से निपटने पर विमर्श किया जाएगा।

INTERPOL MAHASABHA: स्टॉक ने कहाकि इन दिनों संगठित अपराध के नए आयाम बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रहे हैं। एक तरफ अपराधियों का अंतरराष्ट्रीय फैलाव, तो दूसरी तरफ साइबर क्राइम हर देश में सामाजिक और आर्थिक दुष्प्रभाव डाल रहे हैं। हम बाल शोषण करने वालों, दुष्कर्मियों, हत्यारों, ड्रग डीलरों, साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, जो अरबों कमाना चाहते हैं। यही इंटरपोल का फोकस है।

स्टॉक ने कहाकि इंटरपोल की ओर से जारी रेड नोटिस अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं होता। इंटरनेट अपने किसी सदस्य देश को रेड नोटिस जारी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए मजबूर नहीं करता।

INTERPOL MAHASABHA: उन्होंने कहाकि हम मुख्य रूप से हमारे संविधान के अनुसार सामान्य कानून अपराध पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हम बाल शोषण करने वालों, बलात्कारियों, हत्यारों, अरबों पैसा कमाने की चाहत रखने वाले मादक पदार्थ सौदागरों और साइबर अपराधियों के खिलाफ काम कर रहे हैं तथा इस पर इंटरपोल का मुख्य ध्यान है। दुनिया भर में ज्यादातर यही अपराध होते हैं, इसलिए इंटरपोल मौजूद है। महासचिव ने कहाकि रूस और यूक्रेन दोनों के प्रतिनिधि भी महासभा में शामिल होने के लिए आ चुके हैं।

INTERPOL MAHASABHA: प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक, प्रतिनिधियों में सदस्य देशों के मंत्री, पुलिस प्रमुख, केंद्रीय ब्यूरो के प्रमुख और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हैं। महासभा इंटरपोल का सर्वोच्च शासी निकाय है। इसके कामकाज से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए इसकी साल में एक बार बैठक होती है। बैठक में वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।

गौर करें तो भारत में इंटरपोल महासभा की बैठक 25 साल बाद हो रही है। पिछली बार भारत में यह महासभा 1997 में हुई थी। भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर इस बार की महासभा का आयोजन नई दिल्ली में किया जा रहा है। महासभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इंटरपोल के अध्यक्ष अहमद नासर अल रईसी और उसके महासचिव महासचिव जुर्गन स्टॉक भी मौजूद रहेंगे। इसके समापन समारोह 21 अक्तूबर को गृह मंत्री अमित शाह सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

 

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