शिक्षक ओमप्रकाश सिंह का एक कुंटल फूलमालाओं से सम्मान एवं सेवानिवृत्त विदाई कार्यक्रम किया गया

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37 वर्ष की नौकरी, 24 वर्ष की युवावस्था में किया था ज्वाइन

जगतपुर, रायबरेली , इतिहास कभी दोहराया नहीं जा सकता ऐसा ही ऐतिहासिक पल शनिवार को देखने को मिला। इंटर कॉलेज शंकरपुर में रसायन विज्ञान के प्रवक्ता श्री ओम प्रकाश सिंह जिन्हें छात्र-छात्राएं और उनके हेतमित्र प्रेम से  श्री ओपी सिंह के नाम से भी पुकारते थे। उनका व्यक्तित्व बड़ा सख्त था छात्र-छात्राएं उनसे डरते थे क्योंकि अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए किसी से भी पंगा ले लेते थे। उसी का असर है कि उनके बनाए उनके पढ़ाएं उनके द्वारा सीखाएं गए छात्र देश-विदेश में भी उनका और इंटर कॉलेज शंकरपुर का नाम रोशन कर रहे हैं। यह बात उन्होंने खुद स्वीकार की है कि वह अनुशासन और स्वाभिमान के प्रति कुछ भी कभी बर्दाश्त नहीं किए हैं पूरी नौकरी में।

जिसका ही फल है कि वह आज  ससम्मानित और सबके हृदय में जगह बनाकर जा रहे हैं। पूर्वांचल से रिश्ता होने के कारण वह अपनी बोली वाणी और रस वात्सल्यता के लिए भी अलग से जाने और पहचाने जाते थे। उनके परम मित्र स्नेही और रिश्तेदार शायराना अंदाज में पूर्व हिंदी प्रवक्ता लम्बरदार श्री बुधेन्द्र बहादुर सिंह भाव विभोर हो गए दो-चार शायरियां और गीत भी गाते गाते भाव विभोर हो गए आंखों से अश्रु निकल आए। मौका था ओपी सिंह का सम्मान एवं सेवानिवृत्त विदाई समारोह। कालेज के कुशल प्रबंधक श्री हरचंद बहादुर सिंह ने श्री सिंह के उत्तम स्वास्थ्य एवं आगे का समय परिवार के साथ खुशहाली से बिताए जाने की कामना ईश्वर से की है। श्री ओपी सिंह भी शंकरपुर इंटर कॉलेज में अपने बिताए गए पलो अपनी उम्र के 37 वर्ष और उन तमाम यादों को जो उन्होंने अपनी 24 वर्ष की युवा अवस्था में कालेज में ज्वाइन कर लगातार एक इतिहास बनाया उन यादों को याद करते हुए वह भी भाव विभोर होते चले गए और उनकी भी आंखें नम हो गई। साथ ही उनकी बातें सुनकर उपस्थित लोग भी अपने आंखों के आंसुओं को नहीं रोक पाए। उन्होंने एक लंबा कार्यकाल शंकरपुर में गुजारा।

श्री सिंह को एक कुंटल फूल मालाओं के साथ सेवानिवृत होने पर सम्मान एवं विदाई दी गई। इस मौके पर कॉलेज के कुशल प्रबंधक श्री हरचंद बहादुर सिंह पूर्व प्रधानाचार्य श्री रंजीत सिंह पूर्व व्यायाम शिक्षक श्री वीरेंद्र सिंह पूर्व सामाजिक विज्ञान शिक्षक मंडल अध्यक्ष चंदेल गुट श्री राम मोहन सिंह समाजशास्त्र प्रवक्ता दादा श्री अशोक सिंह ने अंगवस्त्र एवं उपहार भेंट किया। पूर्व प्रधानाचार्य श्री वंश बहादुर सिंह पूर्व शिक्षक श्री जेपी पाल हिंदी प्रवक्ता श्री केबी सिंह जीव विज्ञान प्रवक्ता श्री कमलाकांत भी मौके पर मौजूद रहे। श्री ओपी सिंह ने आदिशक्ति जगत जननी माता दुर्गा धाम मंदिर में शीश नवा कर अपने घर के लिए रवानगी की। शिक्षक शिक्षिकाओ एवं छात्र-छात्राओं ने यथोचित चरण स्पर्श एवं नमस्कार प्रणाम किया। श्री सिंह ने कहा कि वह जगतपुर शंकरपुर और रायबरेली आते जाते रहेंगे यहां से उनका गहरा नाता है क्योंकि वह मूल गृह जनपद सुल्तानपुर के रहने वाले हैं वहां उनका स्वयं मैनेजमेंट का एक विद्यालय भी है।

श्री ओपी सिंह ने बताया है 92 वर्ष के उनके पिताजी हैं अब रिटायरमेंट के बाद उनकी सेवा सहाय और उन्हीं के साथ हंसी खुशी से रहेंगे। ड्यूटी के दौरान भाग दौड़ के कारण उनके साथ ज्यादा समय नहीं बिता पा रहे थे। उन्होंने बताया उनका एक बेटा पीजीआई में वैज्ञानिक है तो दूसरा बेटा चार्टर्ड एकाउंटेंट कार्य में है। उन्होंने बताया उनकी बेटी की ससुराल भी लालगंज बैसवारा में ही है। विदाई की बेला में वहां मौजूद सभी लोग भाव विभोर हो गए इस मौके पर उनके पढ़ाये छात्र छात्राऐ एवं कॉलेज का स्टाफ भी मौजूद रहा कार्यक्रम का संचालन श्री अमरनाथ सिंह ने किया कॉलेज के प्रधानाचार्य लेफ्टिनेंट सत्येंद्र कुमार ने सभी आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। गौरतलब है कि इस मौके पर सभी वह सेवानिवृत शिक्षक और प्रधानाचार्य पहुंचे और अपने अनुभवों को साझा किया जो उन्होंने अपने जीवन काल में इंटर कॉलेज शंकरपुर में सेवा देते हुए निभाए। प्रधानाचार्य लेफ्टिनेंट श्री सत्येंद्र कुमार ने बताया है कि इस सत्र से अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा प्रारंभ हो रही है जिसमें आसपास क्षेत्र के लोगों को अपने बच्चों को शहरों में नहीं भेजना पड़ेगा और इंटर कॉलेज शंकरपुर में अंग्रेजी की शिक्षा भी दी जाने की व्यवस्था की गई है।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव

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