Home उत्तर प्रदेश प्रतापगढ़ शिव महापुराण सुनने से मोक्ष : पं. करुणा शंकर

शिव महापुराण सुनने से मोक्ष : पं. करुणा शंकर

0
शिव महापुराण सुनने से मोक्ष : पं. करुणा शंकर

मांधाता, प्रतापगढ़। लाखूपुर (अमैयामऊ) में आयोजित शिवमहापुराण अमृत कथा में पं. करुणा शंकर ओझा (कमल जी) महराज ने भक्तों को शिव महापुराण के परिचय व प्रभाव से अवगत कराया जिसके मुख्य यजमान केशव कुमार मिश्र श्रीमती देव कुमारी मिश्रा व सह यजमान राकेश कुमार मिश्रा श्रीमती विभा मिश्रा के साथ साथ आए हुए श्रद्धालुओं ने भी सुना।

इस दौरान कथा व्यास के साथ अपनी सहभागिता देने आए बृजेंद्र मणि त्रिपाठी,रवींद्र मिश्र,सूर्यकांत मिश्र राममणि मिश्र भी मौजूद रहे

कथा व्यास ने कहा कि शिवमहापुराण में शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्विक विवेचन,रहस्य,महिमा व उपासना का वर्णन है इसमें इन्हें पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है।

शिव-महिमा के अतिरिक्त इसमें पूजा-पद्धति,अनेक ज्ञानप्रद व्याख्यान व शिक्षाप्रद कथाओं का सुंदर संयोजन और भगवान शिव के भव्यतम व्यक्तित्व का गुणगान है शिव जो स्वयंभू हैं,शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता है,विश्व चेतना हैं और ब्रह्मांडीय अस्तित्व के आधार हैं सभी पुराणों में शिव पुराण को सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण होने का दर्जा प्राप्त है।

इसमें भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों,ज्योतिर्लिग,भक्तों और भक्ति का विशुद्ध वर्णन किया गया है सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या,वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है किन्तु शिवमहापुराण में शिव के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके रहन-सहन विवाह और उनके पुत्रों की उत्पत्ति के विषय में विशेष रूप से बताया गया है।

इसके क्रमश: विद्येश्वर संहिताच रुद्र संहिता कोटिरुद्र संहिता उमा संहिता कैलाश संहिता वायु संहिता नाम से छह खंड हैं पुराण के पहले संहिता में शिवपुराण की महिमा दूसरे संहिता में शिवलिंग की।

पूजा और उसके प्रकार तीसरे संहिता में शिव-पार्वती की कथा चौथे संहिता में कार्तिकेय भगवान की कथा पांचवे संहिता में शिव जी द्वारा त्रिपुरासुर वध की कथा छठे संहिता में शिव के अवतारों और शिव की मूर्तियों का वर्णन सातवें संहिता में द्वादश ज्योतिर्लिंग और शिव सहस्त्रनाम का वर्णन, आठवें संहिता में मृत्यु और नरकों और क्रियायोग का वर्णन नवें संहिता में शिव के अर्धनारीश्वर स्वरुप का वर्णन व दसवें संहिता में शिव धर्म और शिव-शिवा की विभूतियों का वर्णन है शिवपुराण को पढ़ने से पाप से छुटकारा मिल जाता है।

कथा के मुख्य यजमान आयोजक केशव कुमार मिश्र समेत अन्य भक्तों ने भगवान शिव व पार्वती का पूजन अर्चन किया।

– अवनीश कुमार मिश्रा प्रतापगढ़

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here